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आँगन, घर ओरी है माई
काठ की तिजोरी है माई।
गाल, पेट, मुँह निहारती
दूध की कटोरी है माई।।
सरसों-सी फूली-फूली
मत कहना तोरी है, माई।
अभी-अभी ही पकड़ी गई
बच्चों की चोरी है, माई।।
सोच रही क्या पड़ी-पड़ी
पान की गिलोरी है माई।
सूई में धागे जैसी
काली, न गोरी है, माई
थोड़े में ज्यादा, कुछ ज्यादा
ज्यादे में थोड़ी है माई।
साथ-साथ जगती-सोती
माथे की रोरी है माई।।
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